चीन में कोरोना जैसा नया वायरस फैला:छोटे बच्चों पर ज्यादा असर, दावा- प्रभावित इलाकों में इमरजेंसी; 2019 में वुहान से कोविड फैला था

चीन में कोरोना जैसा नया वायरस फैला:छोटे बच्चों पर ज्यादा असर, दावा- प्रभावित इलाकों में इमरजेंसी; 2019 में वुहान से कोविड फैला था बीजिंग चीन में एचएमपीवी वायरस का खौफ, अस्पतालों में अफरा-तफरी, आपातकाल जैसे हालात नई दिल्ली :- स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में एचएमपीवी के प्रकोप पर बारीकी से नजर रख रहा है, उनका कहना है कि अभी तक चिंता का कोई कारण नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि वे चीन में ह्यूमन मेटाप्नुमोवायरस वायरस (एचएमपीवी) के कथित प्रकोप की निगरानी कर रहे हैं। चीन ने श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि की सूचना दी है, विशेष रूप से एचएमपीवी में, भारत में कोई सामान्य वृद्धि दर्ज नहीं की गई है। विशेष रूप से 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में। प्रभावित है. निमोनिया जैसी संभावित जटिलताओं के साथ खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण, यह चीन, भारत और अन्य देशों में अनुभव किए गए कोरोना वायरस के लक्षणों की तरह ही है। एचएमपीवी के संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में फैलने की सबसे अधिक संभावना है, खांसने और छींकने से स्राव और करीबी व्यक्ति के संपर्क जैसे हाथ मिलाना, वस्तुओं या सतहों को छूना जिनमें वायरस हो या मुंह, नाक या आंखों को छूना। यह # HMPV V/S कोरोना है। # सावधानी इलाज से बेहतर है, ध्यान रखें, जिंदा रहें डेली कॉसमॉस एक्सप्रेस। द रीमिक्स .औरंगाबाद.(मा.स.)

Jan 4, 2025 - 02:45
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चीन ने एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 के व्यापक प्रसार के कारण आपातकाल की घोषणा की।
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1. चीन ने एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 के व्यापक प्रसार के कारण आपातकाल की घोषणा की।

कोविड-19 के 5 साल बाद चीन में फिर एक बार नए वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह ही है। इस नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है, जो कि एक RNA वायरस है।वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और गले में घरघराहट शामिल हैं। HMPV के अलावा इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 के केस भी सामने आ रहे हैं। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है

चीन में कोरोना जैसा नया वायरस फैला:छोटे बच्चों पर ज्यादा असर, दावा- प्रभावित इलाकों में इमरजेंसी; 2019 में वुहान से कोविड फैला था

बीजिंग1 घंटे पहले

सोशल मीडिया पर अस्पताल में लोगों की भीड़ से जुड़ा वीडियो वायरल है।

सोशल मीडिया पर अस्पताल में लोगों की भीड़ से जुड़ा वीडियो वायरल है।

कोविड-19 के 5 साल बाद चीन में फिर एक बार नए वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह ही है। इस नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है, जो कि एक RNA वायरस है।

वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और गले में घरघराहट शामिल हैं। HMPV के अलावा इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 के केस भी सामने आ रहे हैं। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है।

रॉयटर्स के मुताबिक 16 से 25 दिसंबर के बीच सांस संबंधी समस्याओं के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। - Dainik Bhaskar

रॉयटर्स के मुताबिक 16 से 25 दिसंबर के बीच सांस संबंधी समस्याओं के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

दावा- चीन में कई जगह इमरजेंसी घोषित सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में मरीजों की फोटो पोस्ट करते हुए दावा किया गया है कि चीन ने वायरस के फैलने के बाद कई जगहों पर इमरजेंसी घोषित कर दी है। दावे के मुताबिक अस्पतालों और श्मशान घाटों में भीड़ बढ़ रही है।

हालांकि, चीन की तरफ से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। द स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक CDC ने पहले से अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों में संक्रमण का खतरा ज्यादा होने की बात कही है।

खांसने और छींकने से वायरस के फैलने का खतरा अधिक है। वायरस का असर ज्यादा होने पर इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। रॉयटर्स के मुताबिक चीन इससे निपटने के लिए एक निगरानी सिस्टम की टेस्टिंग भी कर रहा है।पहली बार 2001 में हुई थी पहचान HMPV वायरस की पहचान पहली बार 2001 में हुई थी। एक डच शोधकर्ता ने सांस की बीमारी से जूझ रहे बच्चों के सैंपल में इस वायरस का पता लगाया था। हालांकि, ये वायरस पिछले 6 दशकों से मौजूद है।

ये वायरस सभी तरह के मौसम में वातावरण में मौजूद होता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा फैलने का खतरा सर्दियों में होता है।

DGHS बोला- भारत को चिंता करने की जरूरत नहीं

भारत में इस मामले को लेकर डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) अतुल गोयल ने कहा कि इसे लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर गोयल ने कहा कि चीन में मेटान्यूमोवायरस का आउटब्रेक है और सीरियस है, लेकिन हमें ऐसा नहीं लगता कि क्योंकि यहां मेटान्यूमोवायरस एक नार्मल रेस्पिरेटरी वायरस है।

डॉक्टर गोयल ने कहा कि इसमें ज़ुकाम जैसी बीमारी होती है या कुछ लोगों में फ्लू जैसे सिंप्टोम्स हो सकते हैं, खास तौर से बुजुर्गों और 1 साल से कम वाले बच्चो में, लेकिन यह ऐसी कोई सीरियस बीमारी नहीं है, जिससे बहुत चिंता करने की जरूरत है।

गोयल ने कहा कि सर्दी के दिनों में रेस्पिरेटरी वायरस इन्फेक्शन होते हैं। हमारे अस्पताल और इंस्टीट्यूशंस इसको हैंडल करने के लिए तैयार हैं। बेड्स और ऑक्सीजन की अवैलबलिटी है। इसमें स्पेसिफिक कोई दवाइयां नहीं चाहिए होती हैं क्योंकि इसके अगेंस्ट कोई स्पेसिफिक एंटीवायरल ड्रग नहीं है।

2019 में चीन से ही फैला था कोरोना वायरस कोविड-19 का पहला मामला 2019 में चीन के वुहान शहर में मिला था। तब इसे एक रहस्यमयी निमोनिया समझा गया था। ये सार्स-कोव-2 वायरस (कोरोना वायरस) से फैला था।

इसके बाद ये वायरस दुनिया में तेजी से फैला। 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ग्लोबल पेंडेमिक (वैश्विक आपदा) घोषित किया था।

दुनिया भर में कोविड के 70 करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा 70 लाख से ज्यादा मौतें भी दर्ज की गई।

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